सोने की अयोध्या : राम मंदिर के गर्भगृह के स्वर्ण द्वार के बारे में जानकारी
अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह का स्वर्ण द्वार प्राण प्रतिष्ठा से पहले तैयार हो गया है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हिंदू धर्म और संस्कृति के लिए एक बहुत ही खास है। यह हिंदू धर्म के लिए एक बड़ा क्षण है। प्राण प्रतिष्ठा हिंदू धार्मिक अनुष्ठान है, जहां भगवान राम की मूर्ति को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जायेगा। 22 जनवरी 2024 को, अयोध्या में एक विशेष समारोह होगा जहां हिंदू भगवान राम के लिए एक नया मंदिर आधिकारिक तौर पर खोला जाएगा। देशभर से हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग इस अहम आयोजन का हिस्सा बनने आएंगे.
ये खास समारोह कई दिनों तक चलेगा. उत्सव का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा 22 जनवरी को होगा. उस दिन लोग सुबह से ही मंदिर में प्रार्थना और विशेष कार्य करना शुरू कर देंगे. दोपहर में वे मंदिर के विशेष भाग में भगवान राम की प्रतिमा स्थापित करेंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे महत्वपूर्ण लोग शामिल होंगे। समारोह में देशभर से कई हिंदू अनुयायियों के आने की उम्मीद है।
अयोध्या में गर्भगृह का स्वर्ण द्वार प्राण प्रतिष्ठा से पहले तैयार हो गया है। यह द्वार सागौन की लकड़ी पर सोने की परत चढ़ाकर बनाया गया है। द्वार की ऊंचाई 8 फीट और चौड़ाई 4 फीट है। द्वार पर हाथियों, कमलों और अन्य हिंदू धार्मिक प्रतीकों की नक्काशी की गई है। द्वार का निर्माण हैदराबाद की एक कंपनी ने किया है। द्वार बनाने में लगभग 2 साल का समय लगा। द्वार का वजन लगभग 300 किलोग्राम है। इस समारोह में भगवान राम की मूर्ति की गर्भगृह में स्थापना की जाएगी।
राम मंदिर के गर्भगृह के स्वर्ण द्वार के बारे में और जानकारी:
दरवाजे का निर्माण:
- इसमें तमिलनाडु के पारंपरिक कारीगरों की हस्तकला शामिल है, जिन्होंने सागौन की लकड़ी पर सोने की नक्काशी की है।
- विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें स्वर्ण-पत्र-जड़ाई, सोने की तार जड़ाई और सोने की धातु की नक्काशी शामिल हैं।
- द्वार के डिजाइन में वैदिक वास्तुकला के तत्वों और हिंदू धर्म के प्रतीकों का समावेश है, जैसे लक्ष्मी के सिंहासन पर बैठे गणेशजी, पंचरत्न (पांच रत्न), कमल के फूल, और पवित्र गायों के नंदी और ऋषभ।
द्वार का महत्व:
- यह केवल एक प्रवेश द्वार से अधिक है; यह भगवान राम की परम पावनता और मंदिर के आध्यात्मिक महत्व का प्रतीक है।
- सोने का उपयोग शुद्धता, दिव्यता और स्थायित्व का प्रतीक है।
- दरवाजे पर की गई नक्काशी हिंदू धर्म के इतिहास और दर्शन को दर्शाती है।
अन्य रोचक तथ्य:
- भविष्य में गर्भगृह में कुल 14 स्वर्ण द्वार लगाए जाएंगे, प्रत्येक 8 फीट ऊंचा और 4 फीट चौड़ा होगा।
- द्वार बनाने के लिए लगभग 350 किलोग्राम सोने का इस्तेमाल किया गया है।
- मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान इन दरवाजों को पहली बार खोला जाएगा।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए मंदिर को तैयार किया जा रहा है। राम मंदिर के गर्भगृह को विशेष रूप से इस अवसर के लिए सजाया जा रहा है। मंदिर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है। मंदिर के गर्भगृह को सोने के पत्तों से सजाया जा रहा है। गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति के लिए एक विशेष सिंहासन बनाया गया है। सिंहासन को भी सोने के पत्तों से सजाया जाएगा। मंदिर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। मंदिर के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मंदिर में आने वाले सभी लोगों की जांच की जाएगी।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह हिंदुओं के लिए एक बड़ा आयोजन है। यह धर्म को और भी अधिक मजबूत और महत्वपूर्ण बना देगा। यह हिंदू धर्म को ऊंचे स्तर पर ले जाएगा।’ प्राण प्रतिष्ठा समारोह भारत को अधिक मजबूत और एकजुट बनाएगा। यह विभिन्न धर्मों के लोगों को एक साथ लाएगा और उन्हें शांति और सद्भाव से रहने देगा। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए बेहद खास आयोजन है. यह इतिहास का एक बड़ा क्षण है और इससे हिंदू धर्म मजबूत होगा।’ यह भारत के लोगों को भी करीब लाएगा।
अधिक से अधिक लोग हिंदू धर्म में आस्था रखने लगे हैं और उसमें आस्था रखने लगे हैं। हिंदू धर्म दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फैल रहा है। इससे भारत को मजबूत और अधिक एकजुट बनाने में मदद मिल रही है।’ परिणामस्वरूप, भारत में अधिक शांति और खुशहाली है।